हिंद महासागर में बढ़ी भारतीय ताकत: INS तुशिल नौसेना में शामिल, दुश्मनों पर कहर बरपाने को तैयार
भारतीय नौसेना ने सोमवार को अपनी ताकत में एक और महत्वपूर्ण इजाफा किया। रूस निर्मित गाइडेड मिसाइल युद्धपोत INS तुशिल को नौसेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया। यह महत्वपूर्ण समारोह रूस के कैलिनिनग्राद शहर में हुआ, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार भी मौजूद थे। इस अत्याधुनिक युद्धपोत के शामिल होने से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सामरिक स्थिति और मजबूत हो गई है।
चीन के लिए चिंता का सबब
INS तुशिल के आने से भारतीय नौसेना को हिंद महासागर में चीनी गतिविधियों पर निगरानी रखने और जवाबी कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। बीते कुछ वर्षों में क्षेत्र में चीनी नौसेना की बढ़ती मौजूदगी को लेकर भारत सतर्क है। यह युद्धपोत भारत और रूस के बीच 2016 में हुई 250 करोड़ डॉलर की डील का हिस्सा है, जिसके तहत भारत को चार अत्याधुनिक युद्धपोत मिलने हैं।
युद्धपोत की विशेषताएं
INS तुशिल, रूस के क्रिवाक श्रेणी की तीसरी पीढ़ी का गाइडेड मिसाइल युद्धपोत है, जो कई उन्नत तकनीकों से लैस है:
- ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल: दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त करने की क्षमता।
- लंबी रेंज की सतह-से-हवा मिसाइलें और मध्यम रेंज की मिसाइलें।
- रडार से बचने की अत्याधुनिक तकनीक।
- एंटी-सबमरीन टॉरपीडो और रॉकेट।
- रैपिड फायर गन जो नजदीकी लक्ष्यों को तबाह करने में सक्षम।
- एडवांस गैस टर्बाइन प्रपल्शन सिस्टम, जो इसे 30 नॉट की रफ्तार से चलने की क्षमता प्रदान करता है।
भारत-रूस के मजबूत संबंधों का प्रतीक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे भारत-रूस के दीर्घकालिक संबंधों का मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा, “यह जहाज भारतीय और रूसी तकनीकी सहयोग का प्रतीक है। यह दोनों देशों की रक्षा साझेदारी को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।”