महिलाओं की गिरफ्तारी पर मद्रास हाईकोर्ट का अहम फैसला, कहा- रात में भी संभव, लेकिन शर्तों के साथ

Rajiv Kumar

महिलाओं की गिरफ्तारी पर मद्रास हाईकोर्ट का अहम फैसला, कहा- रात में भी संभव, लेकिन शर्तों के साथ

 

मद्रास हाईकोर्ट ने महिलाओं की गिरफ्तारी को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। अदालत ने कहा कि सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले महिलाओं की गिरफ्तारी पर कानूनी रोक एक दिशानिर्देश है, लेकिन यह पूरी तरह अनिवार्य नहीं है। यदि उचित कारण हो और प्रक्रिया का पालन किया जाए, तो रात में भी गिरफ्तारी संभव है।

अदालत का तर्क: दिशानिर्देश है, लेकिन पूर्ण प्रतिबंध नहीं

न्यायमूर्ति जी आर स्वामीनाथन और एम जोतिरामन की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यह प्रावधान कानून प्रवर्तन के लिए एक सुरक्षा उपाय की तरह है, लेकिन इसे न मानने से गिरफ्तारी अवैध नहीं हो जाती। हालांकि, यदि कोई अधिकारी निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं करता है, तो उसे इसका उचित कारण बताना होगा।

किन परिस्थितियों में रात में हो सकती है गिरफ्तारी?

हाईकोर्ट ने कहा कि असाधारण परिस्थितियों में मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति लेकर रात में महिलाओं की गिरफ्तारी की जा सकती है। हालांकि, कानून में यह स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है कि “असाधारण स्थिति” क्या होती है। अदालत ने “सलमा बनाम राज्य” मामले का हवाला देते हुए कहा कि पहले एकल न्यायाधीश ने इस पर दिशा-निर्देश तैयार किए थे, लेकिन वे कानून प्रवर्तन के लिए पर्याप्त स्पष्टता प्रदान नहीं करते हैं।

हाईकोर्ट ने स्पष्ट दिशा-निर्देश बनाने का दिया सुझाव

खंडपीठ ने पुलिस विभाग को निर्देश दिया कि वह स्पष्ट दिशा-निर्देश तैयार करे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किन परिस्थितियों में रात में महिलाओं की गिरफ्तारी उचित मानी जाएगी। इसके अलावा, अदालत ने राज्य सरकार को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 43 में संशोधन पर विचार करने का सुझाव दिया, जैसा कि भारतीय विधि आयोग की 154वीं रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी।

Share This Article