दिल्ली सरकार और एमसीडी को हाल ही में हाईकोर्ट ने फटकार लगाई थी. 2 लाख से ज्यादा छात्रों को किताबें उपलब्ध न करा पाने को लेकर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी. इस मामले में अदालत ने फिर से सुनवाई की है. दरअसल दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज का एक बयान आया जिसमें कहा गया कि MCD की वित्तीय शक्ति में किसी भी वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी की आवश्यकता होगी, उन्होंने कहा मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति के कारण दिल्ली सरकार ठप पड़ी हुई है. इसी पर कोर्ट ने कहा अगर आपके मुख्यमंत्री उपस्थित नहीं हैं तो इसका ये मतलब नहीं कि आप बच्चों के अधिकारों को कुचल देंगे.
इस मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कड़े लहजे में कहा कि गिरफ्तारी के बावजूद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं, ये उनका निजी फैसला है. लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि उनके ना मौजूद होने कारण छोटे बच्चों के मौलिक अधिकारों को कुचल दिया जाएगा और वो 1 अप्रैल से 10 मई तक अपना पहला कार्यकाल निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों, लेखन सामग्री के बिना पूरा करेंगे.