Google Map Location: जमानत के लिए गूगल PIN लोकेशन देने से कोई नुकसान नहीं, सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को जमानत देते हुए शर्त रखी थी कि वह Google Maps के जरिए अपनी लोकेशन शेयर करेगा। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि Google Location Pin से कोई नुकसान नहीं है और कई हाईकोर्ट ने इसे जमानत की शर्त के रूप में मानना शुरू कर दिया है।

क्या है मामला?

फ्रैंक विटस नामक व्यक्ति पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट के तहत मामला दर्ज था। दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देते हुए शर्त रखी थी कि वह Google Maps के जरिए अपनी लोकेशन शेयर करेंगे। फ्रैंक विटस ने इस शर्त के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी:

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि Google Location Pin से कोई नुकसान नहीं है और कई हाईकोर्ट ने इसे जमानत की शर्त के रूप में मानना शुरू कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह शर्त अतिश्योक्तिपूर्ण नहीं है और वे यह भी जांच करेंगे कि क्या यह बिना सहमति के लागू किया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे इस पहलू पर विचार करेंगे कि क्या लोकेशन शेयर करने से निजता का अधिकार प्रभावित होता है या नहीं।

Share This Article
Exit mobile version