राजस्थान में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के तीन आरोपियों को दिल्ली क्राइम ब्रांच और राजस्थान पुलिस की टीम ने शनिवार रात को चंडीगढ़ के सेक्टर 24 के होटल कमल रिजॉर्ट से गिरफ्तार कर लिया। इनमें गोगामेड़ी को गोली मारने वाले शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौड़ के अलावा उनका साथी उधम भी शामिल है।
होटल मैनेजर रवि ने बताया कि तीन युवक होटल में आए थे। उन्होंने आते ही उन्हें डराया-धमकाया। इसके बाद उनसे फोन छीन लिया और सीसीटीवी कैमरे बंद करवा दिए। इनमें से एक के पास बैग था। जबकि 2 खाली थे। वह होटल में 15 से 20 मिनट रूके। इसके बाद पुलिस आई और उन्हें पकड़कर ले गई।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गोगामेड़ी की हत्या के बाद शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौड़ राजस्थान के डीडवाणा से चुरू-दिल्ली रोडवेज बस में बैठे। नेशनल हाईवे पर रेवाड़ी के धारूहेड़ा कस्बे में सुबह उतरे। इसके बाद ये किसी गाड़ी से रेवाड़ी रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां से ये हिसार की ट्रेन में पहुंचे। हिसार में ही यह सीसीटीवी फुटेज में दिखे। जिससे पुलिस को लीड मिली और वह इनके पीछे लग गई। इसके बाद वह मनाली गए। वहां से कल शनिवार को जब चंडीगढ़ आए तो पकड़े गए।
शूटर्स ने हत्या करने के बाद हथियारों को छुपा दिया था, ताकि भागते समय ट्रेन या बस में चेकिंग के समय न पकड़े जा सकें। मगर, आरोपी शूटर्स फरारी के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे। शूटर्स गैंगस्टर रोहित गोदारा के राइट हैंड वीरेंद्र चौहान और दानाराम के संपर्क में थे। उन्होंने वीरेंद्र चौहान और दानाराम के इशारे पर ही हत्या को अंजाम दिया था। हत्या करने के बाद दोनों शूटर्स वीरेंद्र चौहान और दानाराम से लगातार बात कर रहे थे। जिसके बाद पुलिस ने इनकी टेक्निकल सर्विलांस शुरू कर दी। इसके बाद चंडीगढ़ पहुंचते ही इन्हें पकड़ लिया गया।
शनिवार रात गिरफ्तार किए गए 3 आरोपियों में से एक रोहित राठौड़ (रोहित गोदारा) गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई की गैंग का गुर्गा है। उसने गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। पुलिस ने उस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। बता दें कि रोहित गोदारा ने ही गोगामेड़ी के कत्ल की जिम्मेदारी ली थी। गोगामेड़ी की हत्या के बाद उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर कहा था कि गोगामेड़ी उनके दुश्मनों की मदद करता था, इसकी वजह से उसकी हत्या कर दी।
गोगामेड़ी हत्याकांड में शामिल शूटर नितिन फौजी आर्मी का जवान है। वह राजस्थान के अलवर में तैनात था। वह 9 नवंबर को छुट्टी पर आया था। इसके बाद घर से गाड़ी ठीक कराने के बहाने निकला और वापस नहीं लौटा। इसके बाद परिवार ने उसे गोगामेड़ी को गोलियां मारते सीसीटीवी में देखा। उसने लॉरेंस गैंग के कहने पर कत्ल की यह वारदात की थी।
पुलिस की बड़ी सफलता
गोगामेड़ी हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार करना पुलिस की बड़ी सफलता है। पुलिस ने आरोपियों को टेक्निकल सर्विलांस के जरिए पकड़ा है। इससे यह भी पता चलता है कि पुलिस की टेक्निकल टीम भी काफी सक्रिय है और वह अपराधियों को पकड़ने में सक्षम है।
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