संसद में सार्थक बहस को दें प्राथमिकता: उपराष्ट्रपति धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद में रचनात्मक बहस और संवाद की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि व्यवधान का दौर समाप्त होना चाहिए और सार्थक चर्चा के लिए मार्ग प्रशस्त किया जाना चाहिए। उनकी यह टिप्पणी संसद के बजट सत्र शुरू होने से पहले आई है।
राष्ट्रीय महिला आयोग के 33वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि देश को एक रचनात्मक और सहयोगी विपक्ष की आवश्यकता है। राज्यसभा के सभापति के रूप में उन्होंने कहा, “अब संसद में व्यवधान नहीं, बल्कि अधिक बहस, संवाद और विचार-विमर्श होने चाहिए।”
महिलाओं के लिए हाल ही में लागू किए गए एक-तिहाई आरक्षण को ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए उन्होंने कहा, “अब हमारे पास महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण है।” उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना भारत की प्रगति अधूरी रहेगी।
धनखड़ ने राष्ट्रीय महिला आयोग से आग्रह किया कि वह सनसनी फैलाने के बजाय सूचना के प्रसार और रचनात्मक विचारों पर ध्यान केंद्रित करे। उन्होंने बजट पेश करने में नया कीर्तिमान स्थापित करने वाली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सराहना की और कहा कि भारत के विकास की यात्रा में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभाएंगी।
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