किसानों को मिलेगी राहत: फिर से शुरू होंगी कृषि मौसम इकाइयां, हर जिले में मिलेगा मौसम का सटीक अनुमान
केंद्र सरकार देशभर में बंद की गई जिला कृषि मौसम इकाइयों को फिर से स्थायी रूप से शुरू करने की तैयारी में है। इस कदम से लाखों किसानों को ब्लॉक स्तर पर मौसम और फसल से संबंधित जानकारी मिल सकेगी। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने जानकारी दी कि सरकार इन इकाइयों को स्थायी रूप से स्थापित करने के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार कर रही है।
पिछले साल नीति आयोग की सिफारिश पर जिला कृषि मौसम इकाइयों को बंद कर दिया गया था। हालांकि, पायलट प्रोजेक्ट के तहत किसानों को मौसम की जानकारी और सलाह देने का काम इन इकाइयों ने बेहतरीन तरीके से किया। इसके बावजूद, इनका संचालन अस्थायी प्रकृति का था, जिसमें कर्मचारियों को हर परियोजना के आधार पर रखा जाता था। अब सरकार इन्हें स्थायी बनाने की योजना बना रही है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर इन इकाइयों को दोबारा शुरू करने की मांग की है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस सांसद जयराम रमेश सहित कई नेताओं ने भी इकाइयों को बंद करने के फैसले पर आपत्ति जताई थी।
2015 में शुरू की गई ग्रामीण कृषि मौसम सेवा (जीएमएसवी) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सहयोग से देशभर में 130 एग्रोमेट फील्ड यूनिट्स स्थापित की गईं। 2018 में 530 जिला एग्रोमेट इकाइयों की स्थापना की योजना बनाई गई थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण अब तक केवल 199 इकाइयां ही स्थापित हो सकीं।
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