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Toggleसाइबर युद्ध और आतंक से निपटने की तैयारी पर जोर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बड़ा संदेश
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तमिलनाडु दौरे के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा और बदलती वैश्विक परिस्थितियों पर विचार रखते हुए सशस्त्र बलों को सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज के एक कार्यक्रम में कहा कि भारत को साइबर युद्ध, आतंकवाद और अन्य सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। साथ ही, राष्ट्रीय और वैश्विक परिदृश्य की गहरी समझ विकसित करना जरूरी है।
जलवायु परिवर्तन और तकनीकी नवाचार पर दिया जोर
राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों का जिक्र करते हुए कहा कि इसे समझने और प्रभावी रूप से बदलने के लिए शोध आधारित तकनीक अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने भरोसा जताया कि हमारे सशस्त्र बल अधिकारी आने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादन की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। देश को एक प्रमुख रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो सशस्त्र बलों की जरूरतों और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम साबित होगा।
रक्षा क्षेत्र में भारत की नई पहचान
- राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का रक्षा उद्योग नई तकनीकों को तेजी से अपना रहा है।
- आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पिछले एक दशक में रक्षा निर्यात में 30 गुना वृद्धि हुई है।
- “मेक इन इंडिया” पहल ने इस प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- भारत अब 100 से अधिक देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है।
सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका
राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा:
- सियाचिन जैसे दुर्गम युद्धक्षेत्र में महिला अधिकारियों की तैनाती प्रशंसनीय है।
- महिला अधिकारी अब तीनों सेनाओं में विभिन्न इकाइयों की कमान संभाल रही हैं।
- यह बदलाव युवा लड़कियों के लिए प्रेरणादायक है।
- राष्ट्रपति ने अधिक से अधिक महिलाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।