Digital Arrest: क्या है डिजिटल अरेस्ट, जिससे लाखों गंवा रहे लोग…

Digital Arrest

Digital Arrest:  साइबर अपराधियों ने गाजियाबाद की एक महिला को 12 लाख रुपये के लाखों ठग ले लिए, जिसमें ड्रग्स और संदिग्ध दस्तावेज भेजने का दावा किया गया। उन्होंने उसे धमकाकर पैसे लिए और दाउद इब्राहिम के संबंध में भी चर्चा की। साइबर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

इसके अलावा, एक और मामले में नोएडा में एक व्यक्ति को घर बैठे लाखों रुपये कमाने का वादा किया गया, जिसमें उसे 12 लाख 94 हजार रुपये की ठगी की गई। यह ठगी उसे ऑनलाइन धोखाधड़ी के आरोप में फंसाने के लिए की गई, जिसमें मोहम्मद आतिफ इस्लाम का नाम आया।

महिला ने साइबर अपराधियों के आरोपों का सामना किया, जिन्होंने उसे ड्रग्स और जाली दस्तावेज़ों के साथ ब्लैकमेल किया। उनका कहना है कि उन्हें किसी अजनबी नंबर से फोन आया और उसने अपने नाम और आधार कार्ड के बारे में जानकारी मांगी। उसके बाद, उन्हें धमकाकर कहा गया कि उनका खाता ब्लॉक हो गया है और इसे खोलने के लिए 12 लाख रुपये की ज़रूरत है।

उसने वीडियो कॉल के जरिए अपनी सिटुएशन को बताया, जिसमें उसे धमकाकर ब्लैकमेल किया गया। वह धोखाधड़ी का शिकार बन गई जब उसे वीडियो कॉल के माध्यम से दिए गए निर्देशों के अनुसार पैसे भेजने को कहा गया। इसके बाद उसका संपर्क कट गया और उसने अपने पैसे खो दिए।

बता दें डिजिटल अरेस्ट ऐसी साइबर फ्रॉड तकनीक है, जिसमें साइबर अपराधी किसी शख्स को कॉल करके उसे किसी अपराध में संलिप्त होने का झूठा आरोप लगाकर फंसाते हैं।

इसके बाद उन्हें जांच के नाम पर कई घंटे वीडियो कॉल पर बने रहने को मजबूर किया जाता है और उन्हें से अच्छी-खासी रकम की ठगी की जाती है। दबाव डालकर जबरन कैमरे के सामने बैठाए रखने की इसी प्रक्रिया को डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है।