ईवीएम सत्यापन की मांग: सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला, मुख्य न्यायाधीश की पीठ करेगी सुनवाई
हरियाणा के पूर्व मंत्री और पांच बार के विधायक करण सिंह दलाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के सत्यापन के लिए स्पष्ट नीति बनाने की मांग की है। इस याचिका पर अब मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने की मांग
याचिका में दलाल ने यह आग्रह किया है कि सुप्रीम कोर्ट के ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म बनाम केंद्र सरकार’ मामले में दिए गए आदेशों का पालन किया जाए। इसमें कहा गया था कि चुनाव परिणामों के बाद दूसरे या तीसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवार सात दिनों के भीतर ईवीएम सत्यापन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
दलाल ने लखन कुमार सिंगला के साथ मिलकर यह याचिका दायर की है। इन दोनों को हालिया विधानसभा चुनावों में दूसरे सबसे अधिक वोट मिले थे। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि चुनाव आयोग को ईवीएम की बर्न्ट मेमोरी और चार प्रमुख भागों—कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट, वीवीपैट और सिंबल लोडिंग यूनिट—के माइक्रोकंट्रोलर की जांच करने का प्रोटोकॉल लागू करना चाहिए।
ईवीएम सत्यापन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश की आवश्यकता
याचिका में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद चुनाव आयोग ने अभी तक ईवीएम सत्यापन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, चुनाव आयोग के मौजूदा एसओपी में केवल ईवीएम की बेसिक जांच और मॉक पोल्स के निर्देश हैं, जबकि बर्न्ट मेमोरी की जांच को लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं।