Deepfake: खतरा है लोकतंत्र के लिए, जानिए कैसे पहचानें असली और नकली वीडियो

Deepfake: खतरा है लोकतंत्र के लिए, जानिए कैसे पहचानें असली और नकली वीडियो

Deepfake: खतरा है लोकतंत्र के लिए, जानिए कैसे पहचानें असली और नकली वीडियो

क्या आपने बॉलीवुड सितारों आमिर खान और रणवीर सिंह के वो वीडियो देखे थे जिनमें वे पीएम मोदी की आलोचना कर रहे थे? ये वीडियो पिछले महीने अप्रैल में सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।

लेकिन, बाद में दोनों ही कलाकारों ने स्पष्ट किया कि ये वीडियो फर्जी थे। ये डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल करके बनाए गए थे। इस मामले में पुलिस में शिकायत भी दर्ज की गई थी।

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी एक फर्जी वीडियो सामने आया। इस वीडियो में वे एससी, एसटी और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण अधिकार कम करने की बात कर रहे थे।

इस वीडियो पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक चुनावी रैली में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल इस तरह की गलत सामग्री बनाने के लिए किया जा रहा है।

चुनावी मौसम में फर्जी वीडियो का खतरा

देश में चुनावों का मौसम चल रहा है। ऐसे में यह सवाल महत्वपूर्ण है कि किसी भी वीडियो को देखकर कैसे पता लगाया जाए कि वह असली है या फर्जी।

डीपफेक वीडियो और असली वीडियो में अंतर कैसे करें:

यह पूरी तरह से आसान नहीं है, लेकिन कुछ तरीकों से आप फर्जी वीडियो की पहचान कर सकते हैं:

1. आवाज और लिप-सिंक:

  • रणवीर सिंह वाले वीडियो में लिप-सिंक और आवाज में अंतर देखा गया था।
  • यानी, उनके होंठों से निकलने वाले शब्दों और आवाज में तालमेल नहीं था।
  • वीडियो के वॉइस ओवर में भी कुछ अजीबोगरीब लग रहा था।

2. डीपफेक डिटेक्शन टूल्स:

  • एक्सपर्ट डीपफेक वीडियो की पहचान के लिए डीपफेक डिटेक्शन टूल्स का इस्तेमाल करते हैं।
  • रणवीर सिंह वाले वीडियो की जांच IIT Jodhpur द्वारा विकसित डीपफेक डिटेक्शन टूल का उपयोग करके की गई थी।
  • इस टूल से एआई-वॉइस क्लोन का पता लगाया जा सका।

3. ऑरिजनल वीडियो:

  • जब भी कोई फर्जी वीडियो सामने आता है, तो सबसे पहले ऑरिजनल वीडियो ढूंढना चाहिए।
  • फर्जी वीडियो असल वीडियो में हेरफेर करके बनाए जाते हैं।
  • ऑरिजनल वीडियो में ही सच्चाई होती है।

4. रिवर्स इमेज सर्च:

  • एक्सपर्ट वीडियो से इमेज निकालकर रिवर्स इमेज सर्च का इस्तेमाल करते हैं।
  • इससे कई इमेज रिजल्ट मिलते हैं, जिनमें असली वीडियो या फोटो भी शामिल हो सकता है।

डीपफेक इमेज की पहचान:

  • फर्जी वीडियो की तरह ही डीपफेक इमेज भी आजकल एक बड़ी चुनौती बन गई हैं।
  • ऑनलाइन फ्री टूल्स के आने से डीपफेक बनाना और भी आसान हो गया है।

असली और नकली फोटो में अंतर:

  • फर्जी फोटो में चेहरे के भाव, शरीर की गतिविधियां, पलकें झपकना, लिप-सिंक में गड़बड़ी जैसी बातों पर ध्यान दें।
  • अक्सर इन फर्जी इमेज में रोशनी कम या ज्यादा होना, बैकग्राउंड का मेल न खाना या कुछ हिस्सा धुंधला होना देखा जा सकता है।
  • स्रोत भी महत्वपूर्ण है। अगर फोटो किसी अनजान सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया जा रहा है, तो उसके फर्जी होने की संभावना बढ़ जाती है।
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