संसद में मणिपुर विवाद पर गरमाएगी बहस, जानें PMO की तैयारी का प्लान

संसद में मणिपुर विवाद पर गरमाएगी बहस, जानें PMO की तैयारी का प्लान

18वीं लोकसभा का पहला शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हुआ और पहले ही दिन संसद में हंगामे का माहौल बन गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अडानी मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा और नियम 267 के तहत इस पर चर्चा की मांग की। खरगे ने आरोप लगाया कि अडानी समूह पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप हैं। उन्होंने इस मुद्दे की जांच के लिए जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी गठित करने की मांग की। हंगामे के बीच सदन को स्थगित करना पड़ा।

विपक्ष का एजेंडा: मणिपुर से लेकर अदाणी तक सवालों की लंबी फेहरिस्त

सत्र में विपक्ष ने मणिपुर हिंसा, चीन सीमा विवाद, अदाणी समूह के घोटाले, सामाजिक ध्रुवीकरण, ओबीसी आरक्षण, बढ़ती महंगाई, और प्रदूषण जैसे मुद्दों पर चर्चा की तैयारी की है। कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि विपक्ष इन सभी मामलों को दोनों सदनों में जोर-शोर से उठाएगा।

जयराम रमेश ने बताया कि विपक्ष मणिपुर, चीन के साथ सीमा विवाद, उत्तर प्रदेश के दंगे और अन्य सामाजिक व आर्थिक मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगने के लिए तैयार है।

सरकार का होमवर्क: विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने की तैयारी

सरकार ने विपक्ष के हमलों से निपटने के लिए पहले से ही रणनीति तैयार कर ली है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने नवंबर की शुरुआत में संभावित मुद्दों की सूची तैयार कर 18 मंत्रालयों को भेज दी थी। इन मंत्रालयों को संबंधित मुद्दों पर विस्तृत नोट तैयार कर पीएमओ को भेजने के निर्देश दिए गए थे।

किन-किन मुद्दों पर सरकार ने की तैयारी?

सरकार ने 50 से अधिक मुद्दों पर होमवर्क किया है, जिनमें शामिल हैं:

  • वित्त मंत्रालय: अदाणी-हिंडनबर्ग मामला, आर्थिक स्थिति, महंगाई और ईडी के दुरुपयोग के आरोप।
  • गृह मंत्रालय: मणिपुर हिंसा, सीएए लागू करने का मुद्दा, जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा, और राज्यपालों से विवाद।
  • कानून मंत्रालय: यूनिफॉर्म सिविल कोड, वन नेशन वन इलेक्शन और कोलेजियम सिस्टम।
  • विदेश मंत्रालय: भारत-चीन सीमा विवाद, रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास संघर्ष।
  • पर्यावरण मंत्रालय: दिल्ली में प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन।
  • कृषि मंत्रालय: पीएम किसान योजना, एमएसपी, और किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास।

पीएमओ की रणनीति

सरकार ने सुनिश्चित किया है कि जब विपक्ष इन मुद्दों को उठाए, तो मंत्रालयों के पास हर सवाल का सटीक जवाब हो। सभी मंत्रालयों ने अपने नोट तैयार कर पीएमओ को सौंप दिए हैं। यह रणनीति सरकार को विपक्ष के हर आरोप का प्रभावी जवाब देने में मदद करेगी।