संसद भवन के पास आत्मदाह करने वाले युवक की मौत: पुलिस की लापरवाही पर सवाल, जानिए पूरा मामला
नए संसद भवन के सामने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने वाले उत्तर प्रदेश के बागपत निवासी जितेंद्र की शुक्रवार तड़के उपचार के दौरान मौत हो गई। वह 95 प्रतिशत तक झुलस चुका था और दिल्ली के आरएमएल अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती था।
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आत्मदाह की पूरी घटना
बुधवार को 26 वर्षीय जितेंद्र ने नई संसद भवन के पास पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने आग बुझाई और उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि जितेंद्र ने यह कदम बागपत पुलिस की कथित लापरवाही के कारण उठाया।
क्यों उठाया आत्मदाह जैसा कदम?
- जितेंद्र पर 2021 में बागपत थाने में मारपीट का मुकदमा दर्ज किया गया था।
- परिवार का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में एकतरफा कार्रवाई की और उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया।
- लंबे समय से चले आ रहे पारिवारिक विवाद और पुलिस की निष्क्रियता से परेशान होकर जितेंद्र ने यह कठोर कदम उठाया।
जितेंद्र का पारिवारिक विवाद
- जितेंद्र एलएलबी का छात्र था और छपरौली थाने से 200 मीटर की दूरी पर उसका घर था।
- विवाद एक स्थानीय होमगार्ड कविंद्र के साथ था, जिसके चलते दोनों परिवारों के बीच पिछले साढ़े तीन साल में कई झगड़े हुए।
- पुलिस ने तीन बार मामले दर्ज किए, लेकिन विवाद को खत्म करने की कोई गंभीर कोशिश नहीं की।
अस्पताल और पुलिस की स्थिति
- आरएमएल अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, जितेंद्र की सांस नली तक पूरी तरह जल चुकी थी।
- शुक्रवार तड़के 2:23 बजे उसकी मौत हो गई।
- पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया।
पुलिस की लापरवाही पर उठे सवाल
जितेंद्र की आत्मदाह की घटना ने देशभर में पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- परिवार का आरोप: पुलिस ने मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की और दबाव बनाने की कोशिश की।
- सवाल: क्या पुलिस समय पर कार्रवाई कर इस घटना को टाल सकती थी?