उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा उपचुनाव से पहले कांग्रेस ने पसमांदा मुसलमानों और अल्पसंख्यकों में अपनी पैठ मजबूत करने की तैयारी कर ली है। जाति आधारित गणना और आरक्षण के मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने एक अभियान शुरू किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य इन समुदायों के बीच अपनी पकड़ को बढ़ाना है। इस अभियान के तहत प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में 26 जुलाई को राष्ट्रीय भागीदारी दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग द्वारा किया जा रहा है।
कांग्रेस का नया कदम: अल्पसंख्यक समुदाय में पकड़ बनाना
लोकसभा चुनाव के परिणामों से उत्साहित कांग्रेस अब किसी भी वर्ग को अपने साथ जोड़ने में पीछे नहीं रहना चाहती है। अल्पसंख्यक विभाग को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह पसमांदा मुसलमानों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और वंचित समाज के अधिकतम नेताओं को पार्टी के साथ जोड़े।
शाहनवाज आलम ने उठाई जाति आधारित गणना की मांग
अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कहा कि पिछड़ों और वंचित समाज के युवाओं को नौकरियों में आरक्षण दिलाने के लिए जाति आधारित गणना आवश्यक है। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस दिशा में कांग्रेस के अल्पसंख्यक, ओबीसी और फिशरमैन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 26 जुलाई को राष्ट्रीय भागीदारी दिवस के अवसर पर जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के साथ प्रदेश भर के अल्पसंख्यक, पिछड़े और अति पिछड़े समाज के नेताओं को जोड़ा जाएगा।
कांग्रेस का रणनीतिक अभियान: अल्पसंख्यकों और पिछड़े समाज पर फोकस
कांग्रेस का यह अभियान विशेष रूप से अल्पसंख्यकों और पिछड़े समाज को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। पार्टी का उद्देश्य इन समुदायों के बीच अपनी स्थिति को मजबूत करना और उन्हें आगामी चुनावों में अपनी ओर आकर्षित करना है। राष्ट्रीय भागीदारी दिवस के मौके पर शुरू होने वाला यह अभियान कांग्रेस की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पार्टी के भविष्य के चुनावी रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है।