BPSC विवाद: रोजगार की मांग पर लाठीचार्ज, प्रियंका गांधी ने सरकार पर साधा निशाना
पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस लाठीचार्ज का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
प्रियंका गांधी का भाजपा पर हमला
प्रियंका गांधी का भाजपा पर हमला
प्रियंका गांधी ने अपने व्हाट्सएप चैनल पर पोस्ट करते हुए कहा कि रोजगार मांगने वाले युवाओं पर लाठीचार्ज करना क्रूरता की पराकाष्ठा है। उन्होंने लिखा,
“भाजपा सरकार युवाओं के रोजगार की मांग को सुनने के बजाय उन्हें लाठियों से पीट रही है। चाहे यूपी हो, बिहार हो, या मध्य प्रदेश, हर जगह यही हाल है। रोजगार मांगने वाले युवाओं पर अत्याचार हो रहा है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार का एकमात्र उद्देश्य अपनी सत्ता को बचाना है, जबकि देश के युवाओं के भविष्य को लेकर कोई गंभीरता नहीं है।
अभ्यर्थियों पर बर्बरता का आरोप
अभ्यर्थियों पर बर्बरता का आरोप
पटना में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि वे शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे पिछले एक सप्ताह से धरना दे रहे थे, लेकिन सरकार और आयोग ने संवाद स्थापित करने की कोशिश नहीं की।
बुधवार को जब अभ्यर्थी आयोग के कार्यालय के पास प्रदर्शन करने पहुंचे, तो पुलिस ने बल प्रयोग किया। इस दौरान कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
परीक्षा विवाद और प्रश्नपत्र लीक का आरोप
परीक्षा विवाद और प्रश्नपत्र लीक का आरोप
बीपीएससी ने 13 दिसंबर को संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया था। अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ था। हालांकि, आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। बावजूद इसके, अभ्यर्थी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
पप्पू यादव का बिहार बंद का ऐलान
पप्पू यादव का बिहार बंद का ऐलान
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने भी इस घटना की निंदा की है। उन्होंने परीक्षा रद्द नहीं किए जाने पर 1 जनवरी 2025 को बिहार बंद का आह्वान किया है।
कांग्रेस और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने इस पुलिस कार्रवाई को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताते हुए सरकार की आलोचना की। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह सरकार रोजगार की मांग कर रहे युवाओं की आवाज को दबाने में जुटी है।