हाइपरसोनिक ताकत में बड़ा कदम: DRDO का स्क्रैमजेट इंजन टेस्ट, चीन-पाकिस्तान की बढ़ेंगी चिंताएं

हाइपरसोनिक ताकत में बड़ा कदम: DRDO का स्क्रैमजेट इंजन टेस्ट, चीन-पाकिस्तान की बढ़ेंगी चिंताएं

भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को और सशक्त करते हुए हाइपरसोनिक तकनीक में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। हाईपरसोनिक मिसाइल तकनीक का महत्व लगातार बढ़ रहा है, क्योंकि यह भविष्य की सबसे उन्नत और घातक हथियार प्रणाली होगी। इसी दिशा में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने स्क्रैमजेट इंजन का सफलतापूर्वक जमीनी परीक्षण कर एक और उपलब्धि अपने नाम की है।

 

कैसे खास है स्क्रैमजेट इंजन का टेस्ट?

रक्षा मंत्रालय ने इसे हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास के लिए मील का पत्थर बताया है। DRDO ने एक्टिव कूल्ड कंबस्टर के साथ 120 सेकंड तक इस इंजन का सफल टेस्ट किया, जो देश में पहली बार हुआ है। हाइपरसोनिक मिसाइलें ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक तेज होती हैं, जिससे ये दुश्मन की रक्षा प्रणालियों को भेदने में सक्षम होती हैं।

 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बधाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर DRDO को बधाई देते हुए कहा कि यह भारत की हाइपरसोनिक मिसाइल प्रौद्योगिकी के विकास के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। भारत अब अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के साथ इस अत्याधुनिक तकनीक में प्रतिस्पर्धा कर रहा है।