एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन से हार्ट अटैक का खतरा: ब्रिटिश कोर्ट में कंपनी ने यह माना; भारत में इसी फॉर्मूले से कोवीशील्ड बनी

एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन से हार्ट अटैक का खतरा: ब्रिटिश कोर्ट में कंपनी ने यह माना; भारत में इसी फॉर्मूले से कोवीशील्ड बनी

एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटिश अदालत में माना है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से दुर्लभ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) नामक गंभीर साइड इफेक्ट हो सकता है।

TTS क्या है?

यह एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें शरीर में खून के थक्के बन जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है। इसके लक्षणों में गंभीर सिरदर्द, धुंधला दिखना, सीने में दर्द, पेट में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और पैरों में सूजन शामिल हैं।

यह वैक्सीन से कैसे जुड़ा है?

वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि TTS एस्ट्राजेनेका वैक्सीन में मौजूद एडेनोवायरस वेक्टर के कारण होता है। यह वेक्टर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए सक्रिय करता है, लेकिन कुछ मामलों में यह गलत तरीके से काम कर सकता है और रक्त के थक्के बनने का कारण बन सकता है।

क्या यह खतरा है?

TTS एक बहुत ही दुर्लभ साइड इफेक्ट है। एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के 10 लाख डोज में से केवल 4-10 मामलों में TTS होता है। तुलनात्मक रूप से, कोविड-19 से होने वाले खतरे बहुत अधिक हैं।

भारत में क्या स्थिति है?

भारत में इस्तेमाल होने वाली कोवीशील्ड वैक्सीन एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का ही एक रूपांतर है। भारत सरकार ने TTS के खतरे को देखते हुए 40 साल से कम उम्र के लोगों को कोवीशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज न लगाने की सलाह दी है। भारत में TTS के कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन इनकी संख्या बहुत कम है।

क्या आपको चिंतित होना चाहिए?

यदि आपने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन ली है और आपको TTS के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें। यदि आप 40 साल से कम उम्र के हैं और आपको अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है, तो आप कोविड-19 के लिए दूसरी वैक्सीन चुन सकते हैं।

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