पुलिस जांच के बीच अपूर्वा मखीजा को मिली जान से मारने की धमकी, दोस्त ने किया खुलासा
सोशल मीडिया पर ‘द रिबेल किड’ के नाम से मशहूर कंटेंट क्रिएटर अपूर्वा मखीजा इन दिनों जबरदस्त विवादों में घिरी हुई हैं। हाल ही में वह इन्फ्लुएंसर समय रैना के शो में शामिल हुई थीं, जहां उनके बयान के बाद बड़ा बवाल खड़ा हो गया। इस मामले में पुलिस जांच जारी है, वहीं सोशल मीडिया पर अपूर्वा को ट्रोलिंग और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। अब उनकी करीबी दोस्त ने खुलासा किया है कि अपूर्वा को यौन उत्पीड़न और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।
बढ़ते विवाद के बीच मिली गंभीर धमकियां
समय रैना के शो में हुई घटना के बाद सोशल मीडिया पर लगातार बहस छिड़ी हुई है। जहां एक ओर रणवीर इलाहाबादिया से माफी मांगने के बावजूद उन पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर अपूर्वा मखीजा को भी उनके रिएक्शन के चलते कानूनी पचड़ों में घसीटा जा रहा है।
इस बीच, उनकी करीबी दोस्त रिदा थराना ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर खुलासा किया कि अपूर्वा को कुछ लोग यौन हिंसा और हत्या की धमकी दे रहे हैं। रिदा ने ट्रोलर्स को कड़ी फटकार लगाते हुए इसे नफरत और पितृसत्तात्मक सोच का उदाहरण बताया।
दोस्त ने ट्रोलर्स पर साधा निशाना
रिदा थराना ने अपनी पोस्ट में लिखा,
“मुझे कभी संदेह नहीं हुआ कि कुछ लोग सिर्फ इसलिए महिलाओं से नफरत करते हैं क्योंकि वे महिलाएं हैं। वे सांस लेती हैं, खुद से प्यार करती हैं और आगे बढ़ने की हिम्मत रखती हैं। लेकिन जब एक महिला पर कोई मुश्किल आती है, तो समाज इसे और बदतर बना देता है।”
उन्होंने आगे कहा,
“अगर कोई लगातार धमकियों से घिरा हो, तो उसकी सुरक्षा का क्या होगा? क्या हम ऐसे देश में रहते हैं, जहां हमें सुरक्षित महसूस करना चाहिए? अपूर्वा के साथ जो नफरत और क्रूरता की जा रही है, वह भयावह है। मैं उम्मीद करती हूं कि कोई और ऐसी स्थिति में न फंसे।”
IIFA की आधिकारिक सूची से बाहर हुईं अपूर्वा
इस विवाद के कारण अपूर्वा मखीजा को एक और बड़ा झटका लगा है। IIFA ने उन्हें अपने आधिकारिक एंबेसडर की सूची से बाहर कर दिया है, जिससे वह अब इस ग्लोबल इवेंट का हिस्सा नहीं होंगी।
इसके अलावा, रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपूर्वा को राजस्थान टूरिज्म के एक कार्यक्रम में भाग लेना था, लेकिन करणी सेना के विरोध के चलते उन्हें इससे हटा दिया गया। करणी सेना के प्रमुख डॉ. परमवीर सिंह दुलावत ने चेतावनी दी कि अश्लीलता फैलाने वालों को मेवाड़ में विरोध और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा।