Amit Shah Meeting on Monsoon : गृह मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक चल रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में चल रही इस मीटिंग में देश में बारिश और बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की जा रही है। देश के पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।
भारत के कई राज्यों को मानसून के दौरान भूस्खलन, बाढ़, और भारी बारिश से संबंधित गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और कुछ अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भूस्खलन और बारिश के कारण अनेक समस्याएं उत्पन्न होती हैं। हाल के वर्षों में तमिलनाडु, केरल और जम्मू-कश्मीर में भी बाढ़ के मामले सामने आए हैं।
असम वर्तमान में बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस बाढ़ ने 19 जिलों में लगभग 3.90 लाख लोगों को प्रभावित किया है। हालांकि, हाल ही में बाढ़ की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है, जिससे प्रभावित लोगों और जिलों की संख्या में कमी आई है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के एक आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटों में बाढ़ के कारण दो और मौतों की सूचना मिली है। इस वर्ष असम में बाढ़, भूस्खलन और तूफान से मरने वालों की कुल संख्या अब 39 हो गई है।
अधिकारियों के अनुसार, असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं, और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं।
इन प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा राहत सामग्री और सहायता प्रदान की जा रही है। मानसून के दौरान इन आपदाओं से निपटने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों को मिलकर प्रभावी रणनीतियाँ बनानी होंगी, ताकि भविष्य में होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।