प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गुजरात दौरे के दौरान द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन करने गए थे। उन्होंने समुद्र में डूबी प्राचीन द्वारका नगरी के भी दर्शन किए। द्वारका नगरी के दर्शन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि ये सिर्फ समुद्र में एक डुबकी नहीं थी बल्कि समय यात्रा जैसा अनुभव था।
प्रधानमंत्री ने कहा, “पानी में डूबी द्वारका नगरी में प्रार्थना करना आलौकिक अनुभव रहा। मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ। भगवान श्रीकृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें।”
पीएम मोदी ने द्वारका नगरी को मोर पंख भी अर्पित किए। उन्होंने कहा कि द्वारका नगरी के दर्शन से भारत की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक जड़ों का दुर्लभ और गहरा संबंध अनुभव हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा, “यह सिर्फ पानी में एक डुबकी ही नहीं थी बल्कि समय यात्रा थी, जो नगरी के गौरवशाली अतीत और हिंदू धर्म के सबसे प्रतिष्ठित देवताओं में से एक के साथ इसके जुड़ाव को दर्शाती है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने बाद में द्वारका में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “आज जो मैंने अनुभव किया, वो हमेशा मेरे साथ रहेगा। मैं समुद्र के भीतर गया और प्राचीन द्वारका नगरी के दर्शन किए। पुरातत्वविदों ने द्वारका के बारे में काफी कुछ लिखा है। हमारे धार्मिक ग्रंथों में भी बताया गया है कि द्वारका में ऊंची ऊंची इमारतें थी और सुंदर दरवाजे थे। समुद्र के भीतर मैंने दिव्यता का अनुभव किया। मैंने द्वारकाधीश के सामने शीश झुकाया। मैं मोर के पंख भी अपने साथ लेकर गया था और उन्हें भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में समर्पित किया। मैं हमेशा से वहां जाने का इच्छुक था और द्वारका नगरी के अवशेषों को छूना चाहता था, आज मैं भावुक हूं क्योंकि मेरा दशकों पुराना सपना पूरा हो गया है।”