चंडीगढ़ : रविवार रात तक सियासी गलियारों में चर्चा थी कि भाजपा एक बार फिर मेयर बनाने में कामयाब हो जाएगी। मनोज सोनकर ने पद से इस्तीफा दे दिया था ताकि दोबारा चुनाव हो सके। चुनाव में बहुमत साबित करने के लिए भाजपा ने आप के तीन पार्षद तोड़ लिए और रविवार देर रात उन्हें पार्टी में शामिल करा लिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने गेम पलट दिया।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (20 फरवरी) को सुनवाई शुरू हो गई है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर ज्यूडिशियल ऑफिशयल आ गए हों तो हम चुनाव के दिन टेम्पर किए गए 8 बैलट पेपर्स देखना चाहेंगे। इसके बाद ज्यूडिशियल अफसर ने बैलट पेपर्स बेंच को सौंपे। CJI डीवाई चंद्रचूड़ साथियों को देखकर मुस्कुराए और अपने साथियों जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा के साथ चर्चा करने लगे।
कोर्टरूम से लाइव
CJI: कुलदीप कुमार कौन है?
पंजाब सरकार: इस मामले में पिटीशनर हैं।
CJI: देखिए मिस्टर अनिल कुमार और मनोज कुमार यहां 8 बैलट पेपर को अवैध कर दिया गया। आठों पर कुलदीप कुमार का स्टैम्प लगा था। रिटर्निंग अफसर ने नीच साइन किया और हर जगह सिंगल लाइन खींच दी। मिस्टर मसीह आपने कहा था कि आपने जहां-जहां लाइन खींची है, वो बैलट खराब कर दिए गए थे। ये कहां खराब किए हैं?
सोमवार को CJI ने खुद बैलट पेपर की जांच करने का कहा था
सोमवार 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के सभी बैलट पेपर और वीडियो को दिल्ली तलब किया था। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वे खुद उन बैलट पेपर की जांच करेंगे, जिनमें छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है। रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कोर्ट में मौजूद रहने को कहा गया है। इसके अलावा, मेयर चुनाव दोबारा नए सिरे से करवाने की बजाय वर्तमान मतपत्रों के आधार पर घोषित करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि वह निर्देश देगा कि मेयर चुनाव में डाले गए वोटों की गिनती उन निशानों को नजरअंदाज करके की जाए, जो पिछले पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने पेन से लगाए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल से कहा कि मंगलवार को कोर्ट में बैलट पेपर्स और वीडियो लाने के लिए एक ज्यूडिशियल अफसर की नियुक्ति कीजिए। कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिए कि ज्यूडिशियल अफसर और रिकॉर्ड्स की सुरक्षा के लिए व्यवस्था कीजिए। अदालत मंगलवार को 2 बजे के बाद चुनाव का पूरा वीडियो और बैलट पेपर्स की जांच करेगी।
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