गोधरा से लेकर 2047 तक का सपना: PM मोदी ने पॉडकास्ट में साझा किए अनसुने किस्से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ अपने पहले पॉडकास्ट में राजनीति, जीवन, और सामाजिक मुद्दों पर कई अनकही बातें साझा कीं। इस बातचीत में उन्होंने गोधरा कांड से जुड़े घटनाक्रम, सुरक्षा चिंताओं, और अपने नेतृत्व के विकास पर विस्तार से बात की।
गोधरा कांड पर पीएम मोदी की बेबाकी
पीएम मोदी ने बताया कि 2002 में गोधरा कांड की खबर विधानसभा में मिली थी। घटना की गंभीरता को समझते हुए उन्होंने तुरंत गोधरा जाने का फैसला किया। उन्होंने कहा, “हमारे पास उस समय हेलीकॉप्टर नहीं था। मैंने सुरक्षाकर्मियों से कहा, कहीं से हेलीकॉप्टर का इंतजाम करो। ONGC का एक हेलीकॉप्टर मिला, लेकिन पायलट ने सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर में वीआईपी को ले जाने से मना कर दिया। मैंने कहा, ‘मैं वीआईपी नहीं हूं। आप लिखित में ले लो, मेरी जिम्मेदारी होगी।’”
सुरक्षा बलों की चिंता और पीएम का संकल्प
गोधरा में तनावपूर्ण हालात और पांच जगहों पर हुए धमाकों के बीच प्रधानमंत्री ने पुलिस कंट्रोल रूम जाने की इच्छा जताई। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों ने सुरक्षा कारणों से उन्हें मना किया। लेकिन पीएम ने स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए हर चुनौती का सामना करेंगे।
तीसरे कार्यकाल में बदल गई सोच
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पहले और दूसरे कार्यकाल में मैं अतीत के अनुभवों से सोचता था। लेकिन तीसरे कार्यकाल में मेरे सपने बड़े हो गए हैं। मेरा हौसला और बढ़ गया है। 2047 तक विकसित भारत का जो सपना है, वह सिर्फ भाषण नहीं है। हर समस्या से मुक्ति पाने का मेरा लक्ष्य है।”
‘मैं भी इंसान हूं’
अपने लंबे राजनीतिक करियर में लिए गए फैसलों पर पीएम ने कहा, “मैं भी इंसान हूं, भगवान नहीं। गलतियां मुझसे भी हुई हैं। लेकिन मैं उन्हें सुधारने के लिए हमेशा तैयार रहता हूं।”