अमित शाह: ‘पूर्वोत्तर में उग्रवाद का युग खत्म,’ पुलिस को दृष्टिकोण बदलने की जरूरत
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि पूर्वोत्तर भारत में उग्रवाद अब समाप्त हो चुका है और इस क्षेत्र की पुलिस को अब अपने कार्य पद्धति में बदलाव करना चाहिए। उन्होंने पुलिस बल से लोगों को त्वरित न्याय दिलाने पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की। यह बयान उन्होंने त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के 72वें अधिवेशन के दौरान दिया।
उग्रवाद से शांति की ओर
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में 20 शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे पूर्वोत्तर में स्थिरता और शांति का माहौल बना है। इन समझौतों के कारण 9,000 सशस्त्र उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा, “पुलिस ने दशकों तक उग्रवाद का मुकाबला किया। अब जब उग्रवाद समाप्त हो गया है, पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के तीन साल के भीतर न्याय दिलाने के उद्देश्य से अपने दृष्टिकोण में बदलाव करना चाहिए।”
विकास के लिए केंद्र की पहल
गृह मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें रेल संपर्क के लिए 81,000 करोड़ रुपये और सड़क नेटवर्क के लिए 41,000 करोड़ रुपये शामिल हैं। शाह ने कहा कि क्षेत्र में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय जैविक निगम लिमिटेड (एनओसीएल) का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्रियों से अपील
अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से जैविक उत्पादों की पैकेजिंग, विपणन और निर्यात के लिए एनओसीएल के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से क्षेत्र में कृषि और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा।
शाह का यह बयान पूर्वोत्तर क्षेत्र में उग्रवाद के खात्मे और विकास की नई दिशा की ओर बढ़ते भारत की उम्मीदों को उजागर करता है।