एक साथ चुनाव पर चर्चा: ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक जेपीसी के हवाले, अध्यक्ष पद पर चर्चाएं तेज
लोकसभा ने ‘एक देश, एक चुनाव’ से संबंधित दो महत्वपूर्ण विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) के पास भेजने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। यह विधेयक भारत में चुनावी प्रणाली में बड़े बदलाव का संकेत हैं। आइए विस्तार से जानें इस पहल से जुड़ी अहम बातें।
संसद की संयुक्त समिति को भेजे गए विधेयक
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इन विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव दिया, जिसे सदन ने मंजूरी दे दी।
- समिति की संरचना: इसमें लोकसभा के 27 और राज्यसभा के 12 सदस्य शामिल होंगे।
- सदस्यों की संख्या में वृद्धि: पहले यह समिति 31 सदस्यों की थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 39 कर दिया गया है ताकि अधिक दलों को प्रतिनिधित्व मिल सके।
भर्तृहरि महताब के नाम की चर्चा
सूत्रों के अनुसार, भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को इस समिति का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
- अनुभव: ओडिशा से सात बार लोकसभा सदस्य रह चुके महताब का संसदीय अनुभव इस पद के लिए उन्हें उपयुक्त बनाता है।
- समिति में अन्य प्रमुख नेताओं में अनुराग ठाकुर और पीपी चौधरी भी शामिल हैं।
विधेयकों की समीक्षा का दायरा
संयुक्त समिति दो प्रमुख विधेयकों पर चर्चा करेगी:
- ‘एक देश, एक चुनाव’ से संबंधित विधेयक।
- संविधान में संशोधन के लिए प्रस्तावित विधेयक।
इन विधेयकों का उद्देश्य लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों को एक साथ आयोजित करना है।
क्यों बढ़ाई गई सदस्यों की संख्या?
शिवसेना (यूबीटी) और कुछ अन्य दलों ने आपत्ति जताई थी कि समिति में उनके सदस्यों को शामिल नहीं किया गया। इसके चलते सरकार ने सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 39 कर दी।
- नए शामिल सदस्यों में शिवसेना (यूबीटी), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), और सीपीआई (एम) के प्रतिनिधि शामिल हैं।
- हालांकि, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) को अब भी स्थान नहीं मिला है।
‘एक देश, एक चुनाव’ पर मोदी सरकार का विज़न
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस विचार को सामने रखा था। इसके बाद इस साल स्वतंत्रता दिवस पर भी उन्होंने इसे देश की एकता और विकास के लिए अहम बताया।
प्रमुख घटनाक्रम:
- कोविंद समिति की रिपोर्ट: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट मार्च 2024 में सौंपी।
- कैबिनेट की मंजूरी: सितंबर में इस रिपोर्ट को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिली।
- विधेयक पेश: शीतकालीन सत्र में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक संसद में प्रस्तुत किया गया।
समिति की अहम सिफारिशें
- चुनावों का चरणबद्ध आयोजन:
- पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव।
- दूसरे चरण में स्थानीय निकाय चुनाव।
- समान मतदाता सूची: सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची का उपयोग।
- संविधान संशोधन: प्रस्तावित विधेयक में 18 संशोधन किए जाने की संभावना।