हर घंटे 30 मौतें: डब्ल्यूएचओ ने डूबने की घटनाओं पर चिंता जताई, दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को सुरक्षा उपाय मजबूत करने की सलाह
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने डूबने की घटनाओं को वैश्विक संकट बताते हुए दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से इन घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है। डब्ल्यूएचओ की पहली वैश्विक स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में इस क्षेत्र में 83,000 लोगों की मौत डूबने से हुई। यह आंकड़ा वैश्विक डूबने की घटनाओं का 28% हिस्सा है।
बच्चों पर सबसे ज्यादा असर
रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व एशिया में डूबने से होने वाली मौतों में 43% बच्चे (14 साल से कम उम्र) शामिल हैं।
- 5 से 14 साल के बच्चों में यह तीसरा सबसे बड़ा मौत का कारण है।
- 1 से 4 साल के बच्चों के लिए यह चौथा सबसे बड़ा कारण बन गया है।
डब्ल्यूएचओ की अपील
डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय निदेशक, साइमा वाजेद, ने कहा, “डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी उपाय लागू करना न केवल आवश्यक है, बल्कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है।”
डूबने की घटनाओं के प्रमुख कारण
- गरीबी और सुरक्षा उपायों की कमी: कम आय वाले देशों में तैराकी के कौशल और सुरक्षा जागरूकता की कमी।
- बच्चों की निगरानी का अभाव: तैराकी न जानने वाले बच्चों और दिव्यांग बच्चों को अधिक जोखिम।
- जलवायु परिवर्तन और सामाजिक असमानता: इन समस्याओं के चलते पानी के खतरों में और वृद्धि हो रही है।
रोकथाम के सुझाव
डब्ल्यूएचओ ने निम्नलिखित उपाय सुझाए हैं:
- लाइफ जैकेट अनिवार्य करना
- पानी के खतरनाक क्षेत्रों में बैरिकेड लगाना
- सुरक्षित नाव चलाने के सख्त नियम लागू करना
- बच्चों को तैराकी और आपातकालीन प्रतिक्रिया के कौशल सिखाना।
डब्ल्यूएचओ की चेतावनी
अगर डूबने की घटनाओं को नियंत्रित नहीं किया गया, तो जलवायु परिवर्तन और सामाजिक असमानताएं इस समस्या को और गंभीर बना सकती हैं। डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि इन घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदम अभी भी पर्याप्त नहीं हैं और देशों को अपनी रणनीतियों को मजबूत करने की जरूरत है।