‘अगर महिला होती तो गिरफ्तारी हो जाती’: अतुल सुभाष के भाई ने कानून में बदलाव की उठाई मांग
बेंगलुरु की निजी कंपनी में उप महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद मामला तूल पकड़ रहा है। उनके परिवार और खासकर उनके भाई ने कानून और न्याय प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
पुरुषों के लिए कानून की मांग
अतुल सुभाष के भाई ने कहा, “मेरे भाई को न्याय मिलना चाहिए। यह कोई एक मामला नहीं है। देश में ऐसे कई पुरुष हैं, जो वैवाहिक विवादों में झूठे आरोपों का सामना कर रहे हैं। सिस्टम को पुरुषों के लिए भी निष्पक्ष कानून लाना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “एक पुरुष की जिंदगी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी एक महिला की। हमें ऐसा समाज नहीं चाहिए, जहां पुरुष शादी से डरने लगें और खुद को सिर्फ एटीएम मशीन समझने लगें।”
‘लिंगभेद से भरी न्याय प्रणाली’
अतुल के भाई ने आरोप लगाया कि अगर यही मामला किसी महिला के साथ हुआ होता, तो गिरफ्तारी तुरंत हो जाती। उन्होंने कहा, “अगर एक महिला आत्महत्या करती, तो उसके बॉयफ्रेंड को सबूतों के बिना गिरफ्तार कर लिया जाता। लेकिन यहां मेरे भाई ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा और लंबा वीडियो बनाया, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह न्याय प्रणाली में लिंगभेद को दिखाता है।”
आत्महत्या से पहले के आरोप
अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड नोट और वीडियो में अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उसके परिवार पर उत्पीड़न के आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि उनकी पत्नी ने उनसे ₹3 करोड़ की डिमांड की थी। साथ ही, उन्होंने जौनपुर की फैमिली कोर्ट की महिला जज पर रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया।
‘न्याय अभी बाकी है’
पुलिस को अतुल के घर से एक तख्ती मिली, जिस पर लिखा था, “न्याय अभी बाकी है।” आत्महत्या से पहले बनाए गए वीडियो में अतुल ने अपनी परेशानी और दर्द को खुलकर साझा किया। उन्होंने कहा कि उनकी जिंदगी झूठे मामलों और अदालत के आदेशों से बर्बाद हो चुकी थी।
बच्चे की कस्टडी की अपील
अतुल ने अपने सुसाइड नोट में कहा कि उनकी आत्महत्या को सबूत माना जाए और उनके बच्चे की कस्टडी उनके माता-पिता को दी जाए।
मीडिया से परहेज और धमकियां
जब मीडिया ने अतुल की पत्नी के परिवार से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। साथ ही, मीडिया कर्मियों को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी।
कानूनी कार्रवाई और भविष्य की योजना
अतुल के भाई ने कहा कि वह अपने भाई को न्याय दिलाने के लिए कानूनी सलाह लेंगे।