एड्स के खिलाफ भारत की बड़ी सफलता: एचआईवी मामलों में भारी गिरावट, स्वास्थ्य मंत्री का बयान

Rajiv Kumar

एड्स के खिलाफ भारत की बड़ी सफलता: एचआईवी मामलों में भारी गिरावट, स्वास्थ्य मंत्री का बयान

विश्व एड्स दिवस के मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने देश में एड्स के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण प्रगति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत के सतत प्रयासों के चलते पिछले कुछ वर्षों में एचआईवी महामारी के स्तर में उल्लेखनीय कमी आई है। 2010 की तुलना में 2023 में नए एचआईवी संक्रमण 44 प्रतिशत कम हो गए हैं, जबकि एड्स से संबंधित मौतों में 79 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

एचआईवी से बचाव पर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत

स्वास्थ्य मंत्री ने एड्स से निपटने के लिए तीन अहम बातों पर जोर दिया।

  1. एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए सतर्कता और सावधानी।
  2. समय पर जांच और इलाज की प्रक्रिया को तेज करना।
  3. एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) के माध्यम से रोगियों का प्रभावी उपचार।

एचआईवी का मौजूदा परिदृश्य

‘भारत में अभी भी एचआईवी का बोझ बना हुआ है’
2023 में जारी “एचआईवी अनुमान रिपोर्ट” के अनुसार, देश में अनुमानित 25.44 लाख एड्स रोगी हैं। इनमें 44 प्रतिशत रोगी 15 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं हैं, जबकि लगभग 3 प्रतिशत बच्चे इससे प्रभावित हैं। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों में एचआईवी का प्रसार राष्ट्रीय औसत (0.2 प्रतिशत) से अधिक है।

एड्स से निपटने के लिए नए लक्ष्य

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारत ने एड्स नियंत्रण के लिए “90-90-90” लक्ष्य को अपनाया है। इसमें निम्नलिखित लक्ष्य शामिल हैं:

  • 90% एड्स मामलों की पहचान।
  • 90% मरीजों को एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) देना।
  • 90% मरीजों के वायरल लोड को दबाना।

मंत्री ने यह भी कहा कि इस लक्ष्य को बढ़ाकर अब “95-95-95” कर दिया गया है।

  • 81% एड्स पीड़ितों की पहचान हो चुकी है।
  • 88% मरीजों को एआरटी दी जा रही है।
  • 97% मरीजों के वायरल लोड को नियंत्रित कर लिया गया है।

भारत के प्रयासों का असर

भारत की एड्स नियंत्रण रणनीति में व्यापक जागरूकता अभियान, मुफ्त दवाएं और समुदाय आधारित कार्यक्रमों का बड़ा योगदान है। स्वास्थ्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि समाज के हर वर्ग का सहयोग इस लड़ाई को जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

 

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