Mother’s Day 2024 Date History: मातृ दिवस को हिंदी में “माँ का दिन” कहा जाता है। यह दिन माँ की महत्वा और प्रेम को स्वीकार करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन बच्चे अपनी माँ को खास तोहफे और प्यार देते हैं, और उनकी समर्पण और प्रेम को मानते हैं। यह दिन हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। इसे दिन को मनाने की शुरूआत भी कुछ ऐसी ही कहानी से हुई थी। आइए, जानते हैं इस खास कहानी के बारे में।
इस वजह से मनाया जाता है मदर्स डे
मदर्स डे की शुरूआत की बात करें तो इसका इतिहास प्राचीन यूनानियों और रोमनों से लगाया जा सकता है, जो मातृ देवी रिया और साइबेले के सम्मान में इस त्योहार आयोजित करते थे। इसे मदरिंग संडे (Mothering Sunday) के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, एक समय यूनाइटेड किंगडम और यूरोप के कुछ हिस्सों में यह एक प्रमुख परंपरा थी।
यह उत्सव ईसाई चर्च में लेंट, यानी ईस्टर के बाद के चौथे रविवार को मनाया जाता था। मूल रूप से इसे ऐसे समय के रूप में देखा जाता था जब श्रद्धालु अपने “मातृ चर्च” में लौट आते थे यानी उस चर्च में लौट आना जो उनके घर के आसपास का मुख्य चर्च हो। फिर इसे लोग घर लौटने यानी अपनी मां के पास लौटने वाले दिन के रूप में मनाने लगे।
मातृत्व दिवस को मनाने की शुरुआत औपचारिक रूप से 9 मई 1914 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने की थी। उस समय अमेरिकी संसद में कानून पास करके हर साल मई के महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने का फैसला लिया गया था।
यूरोप और ब्रिटेन में कई प्रचलित परम्पराएं
यूरोप और ब्रिटेन में कई प्रचलित परम्पराएं हैं, जहां ईस्टर संडे के 3 सप्ताह पहले महीने के चौथे रविवार का दिन मां के सम्मान में मनाया जाता हैं, जिसे मदरिंग सन्डे कहा जाता है। यूरोप में इस दिन को मदरिंग संडे कहा जाता है, तो वहीं ईसाई समुदाय से जुड़े बहुत लोग इस दिन को वर्जिन मेरी के नाम से भी पुकारते हैं। मदर्स डे से जुड़ी एक कहानी यह भी है कि मातृत्व दिवस मनाने की शुरुआत पुराने ग्रीस से हुई है स्य्बेले जो ग्रीक देवताओं की मां थीं, उनके सम्मान में ही मातृ दिवस मनाया जाता है।