Arvind Kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने अंतरिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। ये फैसला कब आएगा, इसकी कोई जानकारी नहीं है। वहीं कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 मई तक और सिसोदिया की 15 तक बढ़ा दी है। दोनों तिहाड़ जेल में बंद हैं।
सुनवाई के मुख्य अंश-
ईडी के वकील अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू: हवाला ऑपरेटर के जरिये 100 करोड़ का ट्रांजक्शन हुआ था। मनीष सिसौदिया की जमानत खारिज होने के बाद अभियोजन पक्ष की शिकायत पर 1100 करोड़ अटैच हुआ था।
जस्टिस खन्ना: लेकिन दो साल में 1100 करोड़? लेकिन शुरुआत 100 करोड़ से होने की बात है।
राजू: इस मामले में यह प्रॉफिट हुआ था।
जस्टिस खन्ना: लेकिन यह पूरा प्रॉफिट क्राइम का पार्ट नहीं है।
राजू: जब छानबीन शुरू हुई तो केजरीवाल का नाम नहीं था। उनका रोल बाद में आया है इसलिए शुरुआती जांच में कोई सवाल नहीं किया गया। क्योंकि छानबीन में उन पर कोई फोकस नहीं था। गवाहों के बयान देखे जाएं कोई विरोधाभास नहीं है।
जस्टिस खन्ना: 100 करोड़ की बात कहां से आई। आपके पास केस डायरी या केस फाइल हैं तो आप उसे पेश करें। हम ऑफिसर की नोटिंग देखना चाहते हैं। दूसरा मुद्दा यह है कि आपको इस मामले में दो साल क्यों लगें। किसी भी एजेंसी के लिए यह कहना सही नहीं है कि उसे चीजों को उजागर करने में दो साल लगे।
राजू: हमने पाया कि गोआ चुनाव के दौरान केजरीवाल 7 स्टार होटल में रुके थे और जिसने कैश स्वीकार किया था उसने होटल के बिल का पार्ट पेमेंट किया था।
जस्टिस खन्ना: आप बताएं कि केजरीवाल का नाम पहली बार कब आया?
राजू: 23 फरवरी 23 को पहली बार बुच्ची बाबू के बयान में नाम आया। उन्होने कहा था कि मगुंटा रेड्डी से केजरीवाल मिले थे।
जस्टिस खन्ना: क्या जो बयान है वह बयान कानूनी तौर पर स्वीकार्य है? आप सिर्फ वह बयान बताएं जिनसे केजरीवाल का रोल आया है और वह संलिप्त पाए गए हैं। रिमांड के दौरान आपकी जिम्मेदारी है कि आप रिमांड अर्जी को जस्टिफाई करें। केजरीवाल की ओर से दलील है कि आपने अपने दायित्व का निर्वाह इस दौरान नहीं किया। वह सही हो सकते हैं और नहीं भी।
जस्टिस दत्ता: अगर कोई मैटेरियल है तो बताएं कि जिससे वह दोषी हैं। अगर कोई ऐसा पाइंट है जो कहे कि दोषी नहीं हैं तो वह बताएं। क्या आप सेलेक्टिव हो सकते हैं? आपको बैलेंस अप्रोच रखना होगा।
इस दिन हुए थे केजरीवाल अरेस्ट
बता दें ED ने शराब नीति केस में केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया था। ED ने 22 मार्च को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा, जो बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ाई गई। कोर्ट ने 1 अप्रैल को उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था।
इतनी बार भेजा गया समन
शराब नीति केस में केजरीवाल को इस साल 27 फरवरी, 26 फरवरी, 22 फरवरी, 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी और 2023 में 21 दिसंबर और 2 नवंबर को समन भेज गया था। हालांकि, वे एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं गए। निचली अदालत और हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।