भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 150 वर्ष: जानें स्थापना की प्रमुख घटनाएं और ‘मिशन मौसम’ की शुरुआत

Rajiv Kumar

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 150 वर्ष: जानें स्थापना की प्रमुख घटनाएं और ‘मिशन मौसम’ की शुरुआत

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) अपनी स्थापना के 150 साल पूरे कर रहा है। 15 जनवरी 2025 को इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मिशन मौसम’ की शुरुआत करेंगे। IMD की स्थापना ब्रिटिश शासन के दौरान 1875 में हुई थी, जिसका उद्देश्य देश में मौसम संबंधी पूर्वानुमान में सुधार करना था। आइए जानते हैं इसके इतिहास, प्रगति और आगामी योजनाओं के बारे में।

IMD की स्थापना की पृष्ठभूमि

IMD की स्थापना के पीछे तीन महत्वपूर्ण घटनाएं रहीं:

  1. 1864 में कोलकाता में आए विनाशकारी चक्रवात
  2. 1866 में मानसून का सटीक पूर्वानुमान न कर पाना
  3. 1871 में लगातार मानसून की भविष्यवाणी में असफलता

इन घटनाओं ने मौसम विज्ञान विभाग की आवश्यकता को स्पष्ट किया। आज, IMD विश्व की सबसे उन्नत मौसम एजेंसियों में से एक है।

IMD की प्रगति: एक साधारण शुरुआत से अत्याधुनिक तकनीक तक

1875 में कुछ वर्षामापी यंत्रों से शुरू हुआ IMD अब वैश्विक स्तर पर मौसम पूर्वानुमान और जलवायु अध्ययन में अग्रणी बन चुका है। IMD के पास आज:

  • 39 डॉपलर मौसम रडार
  • 806 स्वचालित मौसम स्टेशन
  • 5,896 वर्षा निगरानी स्टेशन
  • 83 बिजली सेंसर और 63 पायलट बैलून स्टेशन

2014 की तुलना में 2023 में जटिल मौसम घटनाओं के सटीक पूर्वानुमान में 50% सुधार हुआ है। इसके परिणामस्वरूप, जान-माल के नुकसान में भी भारी कमी आई है।

स्थापना दिवस समारोह में शामिल होंगे प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी IMD के स्थापना दिवस समारोह में ‘मिशन मौसम’ लॉन्च करेंगे। वह IMD विजन-2047 दस्तावेज भी जारी करेंगे, जिसमें मौसम पूर्वानुमान में सुधार और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विस्तृत योजनाएं शामिल हैं।

विशेष आयोजन

  • 150 रुपये का स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया जाएगा।
  • IMD ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, म्यांमार और श्रीलंका जैसे देशों को आमंत्रित किया है, जो IMD की स्थापना के समय अविभाजित भारत का हिस्सा थे।

 

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