अमेरिका से लौटे 104 भारतीय: विदेश मंत्री जयशंकर ने राज्यसभा में रखा सरकार का पक्ष
अमेरिका में अवैध रूप से दाखिल हुए 104 भारतीयों को डिपोर्ट कर दिया गया है। बुधवार को अमेरिकी सेना का विमान इन भारतीयों को लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचा। इस मुद्दे को विपक्षी दलों ने संसद में जोर-शोर से उठाया और सरकार पर निशाना साधा।
विपक्ष का विरोध, हथकड़ी पहनकर प्रदर्शन
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस कार्रवाई को भारत और भारतीयों की गरिमा का अपमान बताया। संसद परिसर में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने विरोध स्वरूप हथकड़ियां पहनकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, सपा सांसद धर्मेंद्र यादव और अन्य विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार की नीतियों की आलोचना की।
प्रियंका गांधी का सवाल: पीएम मोदी ने ऐसा क्यों होने दिया?
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इस पर मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने सवाल किया, “अगर पीएम मोदी और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इतने अच्छे दोस्त थे, तो फिर ऐसा क्यों हुआ? क्या हम अपने नागरिकों को सम्मानपूर्वक वापस लाने के लिए खुद विमान नहीं भेज सकते थे?”
राज्यसभा में विदेश मंत्री जयशंकर की सफाई
इस पूरे मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि “यह अमेरिका के नियमों के तहत की गई कानूनी कार्रवाई थी।” उन्होंने बताया कि सरकार भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान को लेकर प्रतिबद्ध है।
संसद में हंगामा, स्थगन प्रस्ताव पेश
सपा और कांग्रेस ने लोकसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया। कांग्रेस सांसद गोगोई ने कहा कि निर्वासन प्रक्रिया के दौरान भारतीय नागरिकों के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया, जिससे उनकी गरिमा प्रभावित हुई। विपक्षी दलों ने सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और राज्यसभा में जमकर हंगामा किया।
किन राज्यों के लोग किए गए डिपोर्ट?
अमेरिका से लौटने वाले 104 भारतीयों में सबसे अधिक 33 लोग हरियाणा के हैं, जिनमें 11 लोग कैथल जिले से हैं। इनमें से सात की उम्र 20 साल से कम है और तीन महिलाएं भी शामिल हैं। इस मुद्दे को आज (6 फरवरी) संसद में उठाया गया, जिस पर तीखी बहस जारी है।